भूतों की कहानियाँ हमेशा से ही लोगों के बीच रोमांच और डर का विषय रही हैं। Ghost Real Story in Hindi में अक्सर सुनने को मिलता है कि किसी वीरान जगह पर अजीब घटनाएँ होती हैं। कई Bhoot Story in Hindi में बताया जाता है कि रात के समय किसी पुराने महल या जंगल में आत्माएँ दिखाई देती हैं।
कुछ लोग दावा करते हैं कि उन्होंने भूतों (जिन्नों) को महसूस किया है, जबकि कुछ इसे केवल मन का भ्रम मानते हैं। भारत में कई गाँवों और किलों की कहानियाँ प्रचलित हैं, जहाँ पर रहस्यमयी घटनाएँ घटती हैं। इन कहानियों में कुछ लोगों के अनुभव इतने डरावने होते हैं कि वे उन्हें भूल नहीं पाते। भूतों की कहानियाँ केवल डराने के लिए नहीं, बल्कि रोमांच और रहस्य से भरी होती हैं, जो किसी को भी रोमांचित कर सकती हैं।
भूतिया कोठी | Real Story in Hindi
गाँव के किनारे, एक पुरानी और वीरान कोठी खड़ी थी। लोग कहते थे कि वहाँ कोई जाता तो वापस नहीं लौटता। कई दशकों से यह कोठी खंडहर बनी हुई थी, लेकिन उसमें से कभी-कभी अजीब आवाज़ें आती थीं, कभी हँसी, कभी रोने की, तो कभी किसी के चीखने की।
रवि, जो शहर में नौकरी की तलाश में था, कोठी के बारे में ज्यादा नहीं जानता था। उसे गाँव के सरपंच ने वहाँ चौकीदार की नौकरी दी। पैसे अच्छे थे और रहने के लिए कोठी में ही एक कमरा भी। लेकिन शर्त थी, सूरज ढलने के बाद वह बाहर नहीं निकलेगा और रात को किसी भी आवाज़ पर ध्यान नहीं देगा।
रवि को अंधविश्वास पर भरोसा नहीं था। उसने नौकरी स्वीकार कर ली और कोठी में रहने लगा। पहली दो रातें सामान्य रहीं, लेकिन तीसरी रात, आधी रात को उसे किसी के रोने की आवाज़ सुनाई दी। पहले तो उसने सोचा कि यह उसका भ्रम है, लेकिन आवाज़ तेज़ होती गई। वह बाहर झाँकने ही वाला था कि उसे सरपंच की बात याद आई।
आवाज़ों का पीछा – असली भूतिया कहानी
रवि ने खुद को समझाया कि यह उसका वहम है, लेकिन उसके मन में एक अजीब-सी बेचैनी थी। अगली रात, ठीक बारह बजे फिर वही आवाज़ आई, इस बार और भी दर्दभरी। रवि से रहा नहीं गया और वह कमरे से बाहर निकल आया। आवाज़ कोठी के पिछले हिस्से से आ रही थी।
धीरे-धीरे चलते हुए वह पीछे के आँगन में पहुँचा। वहाँ एक पुराना कुआँ था, जो अब सूख चुका था। आवाज़ कुएँ के अंदर से आ रही थी!
रवि ने झाँककर देखा, लेकिन वहाँ कुछ नहीं था। जैसे ही वह पीछे मुड़ा, अचानक किसी ने उसे धक्का दिया, और वह कुएँ में गिर पड़ा। वह चिल्लाया, लेकिन बाहर कोई नहीं था। कुएँ में गहरी नमी और सड़ांध थी। अंधेरे में उसकी आँखें जैसे ही कुछ देखने के काबिल हुईं, उसे कुछ सफेद आकृतियाँ नजर आईं।
उसके रोंगटे खड़े हो गए, वहाँ कई कंकाल थे, कुछ पुराने और कुछ नए! तभी उसे महसूस हुआ कि कुएँ में कोई और भी है। उसने धीरे से गर्दन घुमाई, तो देखा, एक औरत सफेद साड़ी में उसके पीछे खड़ी थी। उसका चेहरा सड़ा हुआ था, आँखें बाहर निकली हुईं और होंठ सिल दिए गए थे, जैसे किसी ने जबरदस्ती सिल दिए हों।
रवि के मुँह से चीख भी नहीं निकली। वह औरत धीरे-धीरे उसकी ओर बढ़ने लगी।
गाँव का गुप्त पाप – Real Bhoot Story in Hindi
तभी कुएँ के बाहर से कुछ आवाजें आईं। कुछ गाँववाले लाठी-डंडे लेकर आए थे। उन्होंने कुएँ में रस्सी डाली और रवि को खींचकर बाहर निकाला। जैसे ही रवि बाहर आया, कुएँ से भयंकर चीखों की आवाज़ें आने लगीं।
सरपंच ने भारी आवाज़ में कहा, “अब समय आ गया है कि सच बताया जाए।”
गाँव के बुज़ुर्गों ने बताया कि कई साल पहले, गाँव में एक लड़की थी, रुक्मिणी। वह बहुत खूबसूरत थी और सरपंच के बेटे से प्यार करती थी। लेकिन सरपंच के परिवार को यह मंजूर नहीं था। एक रात, उन्होंने उसे जबरन इस कोठी में बुलाया, उसका मुँह सिल दिया ताकि वह चिल्ला न सके और जिंदा कुएँ में फेंक दिया।
तब से उसकी आत्मा इस कोठी में भटक रही थी और हर रात, कोई न कोई उसकी चीखें सुनता था।
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अंत, या एक नई शुरुआत?
गाँववालों ने मिलकर उस कुएँ को सील कर दिया और रवि को गाँव छोड़ने की सलाह दी। लेकिन रवि कोठी छोड़ने से पहले आखिरी बार वहाँ गया। उसने सुना कि अब भी वहाँ धीमी-सी आवाज़ आ रही थी—“मुझे न्याय चाहिए…”
कोई नहीं जानता कि रुक्मिणी की आत्मा को शांति मिली या नहीं। लेकिन एक बात तय थी, उस कोठी में अब भी कोई रात को जाने की हिम्मत नहीं करता…