Maya Matrix Kya Hai – पूरी दुनिया को कोई कंट्रोल कर रहा है?

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Maya Matrix Kya Hai: 29 December 2022, यह एक काला और भयानक दिन था जिसने इंटरनेट पर तहलका मचा दिया था, क्योंकि रोमानियाई सरकार ने मानव तस्करी और बलात्कार के आरोप में एंड्रेव टेट को जेल में डाल दिया था। लेकिन मज़ेदार बात यह है कि इतने महीने बीत जाने के बाद भी रोमानियाई सरकार एंड्रेव टेट के खिलाफ एक भी ठोस सबूत न ला सकी। लेकिन मैं आपको एक अंदर का राज बताता हूं।

कई गुप्त एजेंसी की रिपोर्ट कहती है कि दुनिया की सबसे बड़ी-बड़ी उद्योग कंपनी जानबूझकर टेट को फंसा रही है। क्योंकि वे इंटरनेट पर खुलेआम मैट्रिक्स शब्द के बारे में बात करते हैं और दुनिया के बड़े-बड़े लोग नहीं चाहते कि कोई भी इंसान इस मैट्रिक्स के रहस्य के बारे में जाने और इसके बारे में बात करे, क्योंकि अगर ऐसा होता है तो यह माना जाता है कि दुनिया में वह होगा जो लोग सोच भी नहीं सकते हैं। इसलिए मुझे भी नहीं पता कि कब तक हमारा यह पोस्ट इंटरनेट पर लाइव रहेगा, इसलिए यह पोस्ट डिलीट होने से पहले कृपया इसे पूरा पढ़ें।

Maya Matrix Kya Hai – क्या है मॉडर्न दुनिया का माया जाल?

इसकी शुरुआत 1999 से होती है। ये वो समय था जब एक मूवी रिलीज़ हुई, जिसका नाम था Matrix, और यह मूवी दुनिया भर में मशहूर हो गयी थी। क्योंकि इस मूवी में माया के बारे में बात की गई थी। आपके पड़ोस में रहने वाली वह लड़की माया नहीं बल्कि यहां माया का मतलब है मेटाफोर, जिसके बारे में हजारों साल पहले संस्कृत ग्रंथों में बताया गया था, और इसी चीज़ का तड़का लगाते हुए मूवी में दिखाया गया था। इसीलिए इस फिल्म में संस्कृत के कई श्लोक को भी बैकग्राउंड में बजाया गया था।

मूल रूप से इस फिल्म में यह दिखाया गया है कि कैसे लोगों को कुछ मशीनों और तकनीक की मदद से एक सिमुलेशन में रखा गया है, जहां लोग इस भ्रम में रहते हैं कि वे पूरी तरह से स्वतंत्र हैं और जो चाहें कर सकते हैं, लेकिन वास्तव में यह सच नहीं है। कैसे कुछ तकनीक या रोबोट ने लोगों के दिमाग को इस हद तक हैक कर लिया है कि वे बस कुछ रोबोट के हाथों एक कटपुतली बन कर रह गए हैं। यानी वे उसी तरह काम करते हैं जैसा रोबोटिक टेक्नोलॉजी उन्हें करने का आदेश देता है। इसीलिए फिल्म का नाम मैट्रिक्स रखा गया है। इस फिल्म के रिलीज होने के बाद लोग पूरी तरह से चौंक गए थे कि कहीं सच में हम भ्रम यानि माया में तो नहीं जी रहे हैं।

फिर समय बीतने के साथ सारे लोग भूलते चले गए, लेकिन एक दिन ऐसा आया जब टेस्ला के मालिक एलोन मस्क सामने आये और उन्होंने सार्वजनिक रूप से दावा किया कि, यह पूरी दुनिया एक मैट्रिक्स है, दुनिया के हर व्यक्ति का दिमाग वास्तव में नियंत्रित हो रहा है। बाद में कि पूरी दुनिया में इस शब्द को लेकर हलचल होने लगा कि आखिर ये मैट्रिक्स है क्या और वो कौन लोग हैं जो हमारे दिमाग को कंट्रोल करते हैं और ऐसा करने से किसको फायदा होगा और क्या सच में ये संभव है कि कोई दूर बैठा ताकतवर अजनबी व्यक्ति अपने संकेतों से हमारे दिमाग को नियंत्रित कर सकता हो।

इसलिए हम आपके दिमाग में चल रहे ऐसे कई सवालों के जवाब देंगे, जो एक समाचार रिपोर्ट, मनोवैज्ञानिक अध्ययन और कई शोध पत्रों में बताए गए वैज्ञानिक प्रमाणों के अनुसार हैं। मैं आपको अपनी ओर से कुछ नहीं बताने जा रहा हूं, जबकि रिपोर्ट के आधार पर जो बातें साबित हुई हैं, वो मैं आपके सामने बिना किसी हेर-फेर के रखे जा रहा हूँ, और सभी शोध और सबूतों का लिंक भी दूंगा। जो आप खुद से चेक करना चाहें तो कर सकते हैं। आप इस पोस्ट के अंत के बाद इसे क्रॉस चेक कर सकते हैं, ताकि जब आप चार लोगों के बीच इस विषय पर चर्चा करें, तो आप उचित साक्ष्य के साथ अपनी बात का समर्थन कर सकें।

मैट्रिक्स क्या है – माया क्या है

तो दोस्तों इससे पहले कि हम यह तय कर लें कि हम मैट्रिक्स में रह रहे हैं या नहीं, हमें थोड़ा समझना होगा कि मैट्रिक्स वास्तव में है क्या? जब मैट्रिक्स जैसे शब्द का उपयोग किया जाता है तो लोग आमतौर पर मैट्रिक्स के बारे में दो तरह से बात करते हैं। पहला ये कि हम सभी एक वीडियो गेम के अंदर फंसे हुए पात्र हैं, जो सोचते हैं कि हम अपने निर्णय खुद ले रहे हैं लेकिन असल में हमारी जिंदगी किसी और के हाथ में है यानी कोई बाहरी रोबोटिक तकनीक या महाशक्ति हमें नियंत्रित कर रही है। बहुत से लोग मानते हैं कि यह सिद्धांत सच है, लेकिन इस सिद्धांत को अभी तक कोई भी साबित नहीं कर पाया है।

लेकिन इसी मैट्रिक्स का एक और अर्थ भी है, जिसके बारे में टेट और एलन मस्क अक्सर बात करते हैं। इनके अनुसार कुछ बड़े बिजनेसमैन या पावर वाले आदमी आम लोगों के दिमाग को कंट्रोल करते हैं, ताकि बड़ी चालाकी से पूरी दुनिया को अपनी उंगलियों पर नचा सकें।

matrix kya hain in hindi

इसे आप ऐसे समझ सकते हैं कि एक बार एक राजा का समय था, और कुछ अमीर लोग राजा को बदलना चाहते थे लेकिन वे अपने काले मंसूबों में सफल नहीं हो पा रहे थे। क्यूंकि उनके पास न कोई बड़ी सेना थी और न ही लोग उन अमीर लोगों को पसंद करते थे।

इसीलिए वहां के अमीर लोगों ने एक योजना के बारे में सोचा, और शहर के बीच में ही नाच-गाना के लिए एक स्टेडियम बनवा दिया। क्योंकि स्टेडियम में जाने के लिए पैसे नहीं लगते थे, इसलिए राजा के अलावा लोगों ने उसी स्टेडियम में अपनी शामें बितानी शुरू कर दीं। वे टाइम पास करने के लिए स्टेडियम में आने लगे। फिर उन अमीर लोगों ने नाटक और नृत्य में जनता के सामने राजा का मजाक उड़ाना शुरू कर दिया। पहले तो लोगों को ये बातें पसंद नहीं आईं, लेकिन धीरे-धीरे सभी ने इसका आनंद लेना शुरू कर दिया।

फिर अगले कुछ वर्षों में लोग राजा के खून के प्यासे हो गये और जो धनवान लोग जो धन चूसते थे, वे उनके स्वामी बन गये और इस प्रकार उन प्रसिद्ध लोगों ने हजारों लोगों के मन को कंट्रोल किया, और पूरी जनता सोच रही थी कि ये सब काम उन्होंने अपनी मर्जी से किया है, लेकिन असल में इसके पीछे पूरी गन्दी साज़िश है। ऐसी साज़िश जिसे जानबूझकर कुछ अमीर लोगों ने बनाया, ताकि वे पूरे राज्य को उनकी अँगुलियों पर नचा सकें। अब यह कोई मनगढ़ंत कहानी नहीं है मेरे दोस्तों, बल्कि यह बात सच में हमारे साथ हर दिन घटित होती है, जिसे हम नज़रअंदाज़ कर देते हैं।

मैट्रिक्स के ज़रिये ट्रम्प का अमेरिका का राष्ट्रपति बनना

इसका प्रमाण हमको तब मिला जब फेसबुक के मालिक मार्क ज़ुकरबर्ग पर कोर्ट की कार्यवाई हुई और बात मीडिया में लीक हुई। ये बात है अप्रैल 2018 की, जब ज़ुकरबर्ग को कोर्ट के सामने लाया गया था। क्योंकि साल 2016 में जब अमेरिका में राष्ट्रपति के लिए चुनाव होने वाला था, तब लोगों के बीच बहुत confusion थी कि अगला राष्ट्रपति कौन बनेगा। उसी समय, कैम्ब्रिज एनालिटिका नामक एक राजनीतिक फर्म फेसबुक पर गयी और उन्होंने फेसबुक से लाखों, करोड़ों लोगों का डेटा मोटी रक़म देकर खरीद लिया।

जिसके बाद इस फर्म ने इन सभी लोगों की प्रोफाइल का विश्लेषण किया और उनके मनोविज्ञान यानि सायकोलोजी का विस्तार से अध्ययन करना शुरू किया। जिसके बाद इस फर्म ने अमेरिका के लोगों के फोन को टारगेट करके, चुनाव में उम्मीदवार के तौर पर खड़े हुए डोनाल्ड ट्रंप के बारे में अच्छी खबरें भेजना शुरू कर दिया। जैसे कि कौन सा विज्ञापन उन्हें दिखाना है, कौन सा पोस्ट, कितने समय के लिए दिखाना है, ये सारी चीज़ें एक्सपर्ट ह्यूमन साइकोलॉजिस्ट के द्वारा मैनेज करना शुरू कर दिया गया।

अब शुरुआत में लोगों ने इन पोस्ट पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया लेकिन धीरे-धीरे इस राजनीतिक रूप ने अमेरिका के अधिकतम लोगों के दिमाग पर कब्ज़ा कर लिया। एड्स वाली पोस्ट और वीडियो के बाद उन्होंने चालाकी के जरिए दिखाया कि कैसे डोनाल्ड ट्रंप ही उनकी सभी समस्याओं का समाधान कर सकते हैं, जिसके बाद ट्रंप के ;खिलाफ रहने वाले लोग धीरे-धीरे उसका समर्थन करने लगे और हैरानी की बात यह है कि ऐसा करने से डोनाल्ड ट्रंप बहुत ही चतुराई से अमेरिका का राष्ट्रपति बन गया।

लेकिन 2018 में यह भांडा फ़ूट गया, क्योंकि यह मीडिया में लीक हो गया, कि फेसबुक ने लाखों लोगों का निजी डेटा बेच दिया था और इसका इस्तेमाल करके डोनाल्ड ट्रम्प बड़ी चतुराई से संयुक्त राज्य अमेरिका का राष्ट्रपति बन गया था। अगर आप इस पूरी घटना को ध्यान से देखेंगे तो आपको मैट्रिक्स की पूरी कहानी समझ में आ जाएगी कि ये कितना ताकतवर है और कैसे ये आज लोगों के दिमाग पर कंट्रोल कर सकता है।

मैट्रिक्स की काली सच्चाई

यही वो मैट्रिक्स है जिसके बारे में एलोन मस्क और एंड्रू टेट बात करते हैं। दोस्तों सच बताऊँ तो, मैं कोई एंड्रेव टेट का फैन नहीं हूँ। लेकिन मुझे उसकी ये बात पसंद है, इसलिए मैंने आपके सामने बिना फिल्टर के उसकी बात बता रहा हूँ। वह बताता है कि दुनिया के कुछ शक्तिशाली और अमीर लोग अपनी धन शक्ति का उपयोग करके आम लोगों के दिमाग को हैक करके उन्हें अपने इशारों पर नचाते हैं। जैसे आपने ये देखा होगा कि कैसे आपको मुफ्त में अश्लील वीडियो दिखाकर, न्यूज़ दिखाकर या फेमस फिल्म के पोस्टर, गाने, वीडियो दिखाकर आपको एक तरह से मैट्रिक्स में कैद किया जा रहा है।

क्योंकि अगर आप ये सब पर गौर करेंगे तो आपको एक चीज कॉमन दिखेगी, आप पाएंगे कि हर जगह ये सभी लोग लड़का और लड़की के नंगापन या ज्यादा से ज्यादा एक्सपोज करने को ग्लैमरस तरीके से दिखाने की कोशिश करते हैं, क्योंकि ये चाहते हैं कि बच्चों से लेकर बड़ों तक हर कोई पोर्न और इंटरनेट का आदी यानि एडिक्टेड बन जाये। अब इससे होगा ये कि नशे कि ऐसे एडिक्शन के वजह से मर्द अपनी मर्दानगी और औरतें अपनी क्रिटिकल थिंकिंग करने की खूबी धीरे-धीरे खोती चली जाएगी, और इसी तरह मर्द और औरत एक टाइम के बाद कमज़ोर होते चले जायेंगे। लेकिन अब सवाल यह है, ये लोग मर्द और औरत को कमज़ोर क्यों बनाना चाहते हैं?

कमज़ोर मर्द को वश में करना आसान होता है, ऐसा पुरुष कभी परिवार की रक्षा नहीं कर सकता और कमजोर स्त्री कभी अच्छा परिवार नहीं बना सकती, ऐसी औरतें बच्चों की सही परवरिश नहीं कर सकती। अब चुकी हम सब को पता है कि बच्चें ही आने वाले समय के लीडर हैं (लीडर कहने का मेरा मतलब नेता बिलकुल भी नहीं था), तो उनके बड़े होने से पहले ही उनको लूज़र बनाने की प्लानिंग चल रही है और हमसब ये समझ भी नहीं पाते।

आप गौर करें कि कैसे सोशल मीडिया के ज़रिये लोगों के सोचने का नजरिया तक बदल दिया जा रहा है। कैसे पूरी दुनिया का सिस्टम ऐसा बनाया जा रहा है कि घर में सिर्फ मर्द की कमाई से गुज़ारा नहीं हो पा रहा, ऐसे में महिलायें भी जॉब के लिए बाहर जाती हैं। फिर वो माँ जिसकी सबसे ज़्यादा ज़रुरत उसके बच्चे को थी, जो उसकी सही परवरिश करे, वो ज़्यादातर वक़्त बाहर बिताती है और ऐसे में पैक्ड खाना, पानी, मशीनें जैसी अन्य चीजें देने के लिए अलग-अलग उत्पाद बनाकर ये बड़ी कंपनियां बेचती हैं, और अमीर लोग बहुत चालाकी से अपनी जेबें भरते हैं।

ठंडा मतलब? ठंडा मतलब कोको कोला। यही जवाब पहले दिमाग में आता है, जबकि हम सब को पता है कि ठंडा मतलब कोको कोला नहीं है। लेकिन ये जवाब आपके दिमाग में आया, क्योंकि बड़ी कंपनी सालों से आपके दिमाग में छोटे-छोटे बीज बो रही है, ताकि चतुराई से वो आपके पैसे निकाल सके, जो आप देख सकते हैं। आप सोचते हैं कि आप अपनी मर्जी से उस चीज को खरीद रहे हैं, लेकिन असल में ये आपके ऊपर बैठे ताकतवर लोगों द्वारा आपके दिमाग को हैक करके आपसे जानबूझकर काम करवाया जा रहा है।

आप ऐसी चीजें खरीद रहे हैं जिनकी आपको शायद जरूरत भी नहीं है और इसीलिए इसे आधुनिक युग का मैट्रिक्स कहा जाता है। ये बड़ी-बड़ी कंपनियां आपसे चाहती हैं कि आप ज़्यादा से ज़्यादा रील देखो, वेब सीरीज देखो, फिल्में देखो, गाने सुनो और फिर भी समय बच जाये तो स्पोर्ट्स देखो। लेकिन वे कभी नहीं चाहते कि आप कभी खुद पर काम करो और वो चाहते है कि आप खुद को पूरी तरह मानसिक रूप से उनको समर्पित कर दो, ताकि वे आपसे जो चाहें करवा सकें।

इसलिए ये लोग हर समय आपकी निगरानी कर रहे हैं, जैसे मान लीजिये कि आप अपने फोन के पास किसी प्रोडक्ट (सामान) के बारे में बात कर लें, भले ही आप अपने फोन का उपयोग नहीं कर रहे हों। आप पाएंगे कि दूसरे ही सेकेंड आपके फोन के सोशल मीडिया और हर जगह उसी प्रोडक्ट से संबंधित ऐड आनी शुरू हो जाएगी और वे आपको तब तक ऐसे वीडियो और ऐड दिखाते रहेंगे, जब तक आप वह प्रोडक्ट खरीद नहीं लेते।

यकीन मानिए, अगर आपके पास पैसे नहीं हैं इस प्रोडक्ट को खरीदने के लिए, तो अमीर कंपनियां स्वयं आपके पास लोन से संबंधित कॉल करना शुरू कर देती हैं। ताकि आप उनके बैंक से लोन ले सकें और लोन लेने के बाद अपना जीवन भर उनके लिए काम करते रहिए, तो दोस्तों, आप खुद ही देखें कि कितने लोग हैं इस माया या मैट्रिक्स जाल में फंस गए हैं, जो एक तरह से अपना पूरा जीवन इस बड़े अमीर कंपनियों की गुलामी में बिता देते हैं, इस लोन को भरते रहते हैं।

मैट्रिक्स से बाहर कैसे निकलें?

तो दोस्तों, अब सवाल यह है कि इस मैट्रिक्स से बाहर निकले कैसे? तो एंड्रेव टेट को देखा जाये तो जब उसको इस मैट्रिक्स के जाल के बारे में पूरा ज्ञान हुआ तो वह पता नहीं क्यों पर इस्लाम धर्म के तरफ आकर्षित हुआ और साथ-ही-साथ इस्लाम धर्म अपना लिया। उसके मुताबिक इस्लाम धर्म में मैट्रिक्स से बचाव जैसी अन्य बातों का खुलासा सही तरीके से किया हुआ है, जिसको अक्सर मुस्लिम ही नहीं समझते। संस्कृत में जो माया यानी मैट्रिक्स के बारे में बताया गया है, तो पुराने सनातन धर्म को एक इश्वरिये धर्म यानि इस्लाम से ही जोड़ा जाता है, वो इस्लाम धर्म जो ईश्वर के पहले संदेशवाहक आदम, जब इस धरती पर आये तब से शुरू हुआ।

तब से लाखों संदेशवाहक धरती पर अलग-अलग भाषा में एक ईश्वर का पैगाम लेकर आएं, इन पैगाम यानी किताबों को वक़्त के साथ इंसानों ने बदल दिया। फिर आखिरी संदेशवाहक मोहम्मद सऊदी अरब के मक्का में आये, जो ईश्वर का पैगाम यानि क़ुरान लेकर आये, जो अभी तक वैसी ही है जैसे ईश्वर द्वारा भेजी गयी। अब इन बातों में कितनी सच्चाई है ये तो खुद से रिसर्च किये बगैर पता नहीं चल सकता।

एंड्रेव टेट ने इस मैट्रिक्स से बाहर निकलने के लिए कुछ तरीके भी बताये हैं। तरीका यह है कि आप अपनी सोचने की शक्ति को चरम स्तर तक बढ़ा लें और कोई भी निर्णय लेने के लिए आलोचनात्मक सोच अपनाएं। निर्णय लेने से पहले आप खुद सोचें, क्या मैं यह निर्णय खुद ले रहा हूं या क्या मुझे यह निर्णय लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। क्योंकि यदि आप इस मैट्रिक्स से बाहर निकलना चाहते हैं तो आपको सबसे पहले अपनी आलोचनात्मक सोच का उपयोग करना सीखना होगा। और आपको उन सभी चीजों का सेवन करना बंद करना होगा जिन चीज़ों को आपके लिए परोसा जा रहा है।

आपको सोचना होगा कि आखिर जो चीजों का आप सेवन कर रहे हो उससे फायदा किसे हो रहा है? क्या इन चीज़ों के सेवन से आपका जीवन सुधर रहा है या नहीं? यदि आपके जीवन में एक प्रतिशत भी सुधार है, तो सब ठीक है। लेकिन जिन चीजों का उपयोग से आपका पैसा, दिमाग, समय और कोशिश ख़राब हो रहा है, तो इन चीज़ों तो तुरंत छोड़ देना चाहिए।

एंड्रेव टेट युवाओं को ऐसा ही करने के लिए प्रेरित कर रहा है, जिसके लिए उन्होंने कई बार बड़ी कंपनी के काले कारनामों को इंटरनेट पर आम जनता के सामने उजागर किया है। और माना जा रहा है कि यही कारण है कि बड़ी कंपनी एंड्रेव टेट को रास्ते से हटाने के लिए षड़यंत्र रच रहे हैं। इस बात में कितनी सच्चाई है ये अब कोर्ट के फैसले में देखना है लेकिन हालातों को देखने से तो ऐसा लगता है कि एंड्रेव टेट सच कह रहा है। आप इसके बारे में क्या सोचते हैं, मुझे कमेंट करके बताइये।

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Maya Matrix Kya Hai – पूरी दुनिया को कोई कंट्रोल कर रहा है?

निचोड़ (Maya Matrix Kya Hai)

दोस्तों मुझे लगता है, दुनिया की सबसे बड़ी ख़ुफ़िया संगठन इल्लुमिनाति और मैट्रिक्स दोनों एक ही चीज़ है। क्यूंकि इल्लुमिनाति दुनिया के शक्तिशाली और अमीर लोगों की ख़ुफ़िया संस्था है जो पूरे दुनिया पर अपना कंट्रोल रखना चाहती है, और इसीलिए समय-समय पर इंटरनेशनल लेवल पर अपने षड़यंत्र से कुछ बड़े काम दुनिया में कराती रहती है। अगर आप इल्लुमिनाति के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं तो मेरे इस पोस्ट इल्लुमिनाति का सच – राज़ खोला तो मौत तय ज़रूर पढ़िए, जिससे मैट्रिक्स को इल्लुमिनाति से और अच्छे से आप खुद रिलेट कर पाएंगे।

तो अभी के लिए इतना ही दोस्तों, उम्मीद है मेरी यह पोस्ट Maya Matrix Kya Hai आपको पसंद आयी होगी, कोई सवाल या सुझाव हो तो नीचे कमेंट बॉक्स में पूछिए, इस पोस्ट को ज़्यादा से ज़्यादा शेयर करिये, शुक्रिया।

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