छोटी हिंदी कहानी पढ़ने से हमारी सोचने की क्षमता बढ़ती है और क्रिएटिविटी का विकास होता है। Short story in Hindi से हमें कम समय में ज़रूरी नैतिक शिक्षा मिलता है और साथ-ही-साथ मनोरंजन भी होता है। इससे हिंदी व्याकरण सुधरता है और नई बातें सीखने को मिलती हैं, जिससे हमारा ज्ञान बढ़ता है।
बहादुर लड़का और वफादार कुत्ता | Short Story in Hindi
एक गाँव में रामू नाम का एक निडर लड़का रहता था। उसका एक प्यारा और वफादार कुत्ता था, जिसका नाम शेरू था। रामू को रोमांचक सफर पर जाना बहुत पसंद था, और शेरू हमेशा उसके साथ रहता था।
एक दिन, रामू ने सुना कि गाँव के पास एक गहरा और खतरनाक जंगल है, जहाँ कोई जाने की हिम्मत नहीं करता। वहाँ जंगली जानवर और रहस्यमयी गुफाएँ थीं। रामू का रोमांच बढ़ गया और उसने तय किया कि वह शेरू के साथ जंगल की सैर करेगा।
अगले दिन सुबह, वह और शेरू जंगल की ओर निकल पड़े। जंगल में घुसते ही उन्होंने देखा कि वहाँ बहुत घना अंधेरा था और अजीब-अजीब आवाजें आ रही थीं। रास्ते में उन्हें एक टूटी हुई पुलिया मिली, जिसे पार करना मुश्किल था। रामू ने पहले शेरू को धीरे-धीरे आगे भेजा और फिर खुद भी बड़ी सावधानी से पुल पार कर ली।
थोड़ी दूर चलने के बाद, उन्हें एक भारी-भरकम शेर दिखा, रामू घबरा गया, लेकिन शेरू ने भौंककर शेर को डराने की कोशिश की। रामू ने जल्दी से पास के पेड़ पर चढ़कर धनुष से तीर चलाया, जिससे शेर डरकर भाग गया। रामू और शेरू की टीम वाकई बहादुर थी!
जंगल में आगे बढ़ते हुए, उन्होंने एक गहरी गुफा देखी, जहाँ से पानी की आवाज़ आ रही थी। रामू को प्यास लगी थी, लेकिन उसने पहले शेरू को पानी सूंघने दिया ताकि यह पता चले कि पानी पीने लायक है या नहीं। शेरू ने इशारे से बताया कि पानी साफ है, फिर दोनों ने पानी पिया और अपनी प्यास बुझाई।
कुछ देर बाद, उन्हें जंगल में भटकी हुई एक हिरणी मिली, जो गहरे गड्ढे में गिर गई थी। वह बहुत डर गई थी और बाहर नहीं निकल पा रही थी। रामू ने तुरंत अपनी रस्सी निकाली और एक मजबूत पेड़ से बाँधकर गड्ढे में डाल दी। फिर उसने धीरे-धीरे हिरणी को ऊपर खींचा। कुछ ही देर में हिरणी सुरक्षित बाहर आ गई और खुशी से उछलने लगी।
जब रामू और शेरू गाँव वापस आए, तो गाँववालों ने उनकी बहादुरी और दयालुता की बहुत सराहना की। रामू को एहसास हुआ कि सिर्फ हिम्मत ही नहीं, बल्कि बुद्धिमानी और नरम दिल होना भी बहुत जरूरी है।
इस स्टोरी से शिक्षा:
हमें हर परिस्थिति में सब्र, साहस और नरम दिली से काम लेना चाहिए, क्योंकि यही असली बहादुरी होती है। 🚀🐶
एलियन और लड़का | Moral Story in Hindi
बहुत साल पहले की बात है। अमेरिका के एक छोटे से गाँव Mill Creek में थॉमस नाम का 10 साल का एक लड़का रहता था। थॉमस अपनी माँ के साथ रहता था, माँ की मानसिक हालत कुछ सही नहीं थी। थॉमस पढ़ने में ठीक-ठाक था, और किसी से भी ज़्यादा बात नहीं करता था।
ज़्यादा बात न करने के वजह से स्कूल के बदमाश बच्चे उसे परेशान करते रहते थे। उसके स्कूल में अल्बर्ट नाम का एक बदमाश बच्चा था। वो अक्सर सीधे बच्चों को कभी मारता, चिढ़ाता और परेशान करता था।
एक दिन जब क्लास में टीचर ने बच्चों से सवाल पूछे तब थॉमस ने उसका सही उत्तर दिया, जिसके वजह से टीचर ने थॉमस की बहुत तारीफ़ की। अल्बर्ट मन ही मन में बहुत चिढ़ा और क्लास ख़त्म होने पर उसने थॉमस को बहुत पीटा।
Note: ये कहानियां पूरी तरह से काल्पनिक है, इनका कोई सच्ची घटना ने सम्बन्ध नहीं है और असली दुनियां में एलियन जैसी कोई चीज़ नहीं होती, सिर्फ मनोरंजन के लिए बातें बनायीं जाती हैं।
बेचारा थॉमस रोता हुआ घर आया और अपनी माँ से सारी बातें बताई। पर क्यूंकि उसकी माँ की मानसिक स्थिति सही नहीं थी इस वजह से कोई फायदा नहीं हुआ। बेचारा थॉमस रोता हुआ सो गया।
एलियन का धरती पर आना
रात में अचानक से उसके घर के पास आसमान से कोई चीज़ आ कर गिरी। थॉमस की नींद खुल गयी और वह डरते हुए खिड़की से बाहर देखने लगा। उसने देखा आसमान से कोई गोल आकार की उड़न तश्तरी उसके घर के पास गिरी हुई थी। जिसमें कोई दर्द से मदद मांग रहा था।

थॉमस डरते हुए हिम्मत करके उसके पास गया। तभी उसकी आँखे फटी की फटी रह गयी, उसके सामने एक जीता जागता घायल एलियन पड़ा हुआ था। क्यूंकि थॉमस बहुत नरम दिल का था उसने जल्द ही एलियन की मदद की। इससे एलियन उससे बहुत खुश हो गया, और दोनों अच्छे दोस्त बन गए।
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उस एलियन ने थॉमस को बहुत सारे फाइटिंग स्किल सिखाये, और दोनों ने खूब मस्ती की। अब एक दिन ऐसा आया कि एलियन ने थॉमस से कहा कि उसको उसके planet Orion वापस जाना होगा। क्यूंकि उसके planet पर एक जंग शुरू हो गयी है और वहां ज़्यादा से ज़्यादा लोगों की ज़रुरत है।
एलियन प्लैनेट पर जाना (Small Story in Hindi)
तभी थॉमस ने कहा, “मैं भी तुम्हारे साथ ओरियन प्लैनेट चलूँगा“। एलियन भी तैयार हो गया और बोला, “ठीक है, तुम हमारी मदद कर सकते हो क्यूंकि जो फाइटिंग स्किल मैंने तुम्हें सिखाया है उसके वजह से तुम हमसे ज़्यादा मज़बूत हो गए हो और तुम हमारे दुश्मनों पर भारी पड़ोगे“।

यह जानकार थॉमस बहुत खुश हुआ और दोनों ने उड़न तश्तरी से ओरियन प्लैनेट के लिए उड़ान भर दी। यहाँ जैसा एलियन दोस्त ने कहा था ठीक वैसा ही हुआ, थॉमस सच में ओरियन प्लैनेट के दुश्मनों से जम कर लड़ा और अपने दोस्त एलियन को जीत दिलाई।
Short Kahani in Hindi
ऐसा करने के बाद कुछ समय तक थॉमस ओरियन प्लैनेट पर ही रहा फिर एक दिन जब उसको उसके माँ की याद ज़्यादा आने लगी तब उसने अपने दोस्त एलियन से वापस earth planet यानि धरती पर लौटने को कहा। एलियन ने उसके लिए एक उड़न तश्तरी का बंदोबस्त कराया, जिससे थॉमस वापस धरती पर लौट आया।

धरती पर वापस आने के बाद सबसे पहले वो अपनी माँ के पास गया और माँ ने उसे प्यार किया। अब दूसरे दिन थॉमस अपने स्कूल गया तो सबसे पहले अल्बर्ट उसे मिला जो हमेशा की तरह थॉमस को परेशान करने लगा लेकिन अब थॉमस पहले जैसा कमज़ोर नहीं बल्कि मज़बूत योद्धा बन चूका था।
इसलिए थॉमस ने अल्बर्ट को अच्छी तरह से सबक सिखाई। उस दिन अल्बर्ट ने सबसे हाँथ जोड़ कर माफ़ी मांगी और कहा, “अब से मैं किसी को भी नहीं सताऊंगा“।
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Moral of the story | Short story in Hindi
इस कहानी से हमें यही शिक्षा मिलती है कि हमें भी नरम दिल बनना चाहिए, किसी की मदद करनी चाहिए, किसी को सताना नहीं चाहिए। उम्मीद है मेरी यह Short story in Hindi आपको पसंद आयी होगी। आगे भी इसे शेयर करें, शुक्रिया।
हंस और किसान की नैतिक कहानी | Animal Story in Hindi
एक छोटे से गाँव में एक किसान रहता था। वह मेहनत से अपनी खेती करता और ईमानदारी से जीवन यापन करता था। एक दिन, जब वह अपने खेत में काम कर रहा था, उसने एक सुंदर हंस को देखा जो उसके खेत के पास के तालाब में तैर रहा था।
किसान ने सोचा, “यह हंस कितना सुंदर है। काश, यह मेरे साथ रह सके।” वह हंस के पास गया और धीरे से बोला, “प्यारे हंस, क्या तुम मेरे साथ मेरे घर चलोगे? मैं तुम्हारी अच्छे से देखभाल करूंगा।”

हंस ने किसान की बात सुनी और सोचा, “यह किसान अच्छा और ईमानदार लग रहा है। क्यों न इसे एक मौका दूँ?” हंस ने हामी भरी और किसान के साथ उसके घर चला गया।
किसान ने हंस के लिए एक आरामदायक जगह बनाई और उसे हर दिन स्वादिष्ट खाना दिया। हंस बहुत खुश हुआ और उसने सोचा कि उसे किसान के प्रति आभार व्यक्त करना चाहिए। अगले दिन, हंस ने किसान के घर के आँगन में एक सुनहरी अंडा रखा।
किसान ने जब सुबह देखा तो वह चकित रह गया। उसने सोचा, “यह तो सोने का अंडा है! अगर यह हंस रोज़ ऐसे अंडे देगा, तो मैं बहुत अमीर हो जाऊँगा।” लेकिन किसान लालची नहीं था। उसने सोचा, “मुझे इस हंस की अच्छे से देखभाल करनी चाहिए ताकि यह हमेशा खुश रहे और मेरे साथ रहे।”
हर दिन हंस एक सुनहरी अंडा देता और किसान धीरे-धीरे समृद्ध हो गया। लेकिन उसने अपनी मेहनत और ईमानदारी को नहीं छोड़ा। उसने गाँव के लोगों की भी मदद की और सभी के साथ मिलकर खुशहाल जीवन बिताया।
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ईमानदारी और मेहनत से हमेशा अच्छे परिणाम मिलते हैं और हमें कभी भी लालच नहीं करना चाहिए।
नैतिक शिक्षा (Moral of the Story)
ईमानदारी और मेहनत का फल हमेशा मीठा होता है।