Islam kya hai aur Islam dharm kitna purana hai, यह एक अहम् सवाल है, जिसे लोग अक्सर पूछते हैं और बहुत कम लोग ही सही जवाब जानते हैं।
इसीलिए आज के इस पोस्ट में हम इस्लाम क्या है और यह कितना साल पुराना है और इस्लाम कब से है? इस्लाम कितना पुराना है? इस्लाम धर्म से पहले कौन सा धर्म था? क्या इस्लाम सबसे पुराना धर्म है? सब कुछ आसान भाषा में जानेंगे, तो बने रहें इस जानकारी से भरे पोस्ट में।
इस्लाम क्या है? | What is Islam in Hindi
इस्लाम का मतलब है समर्पण करना, यानि खुद को नम्र बनाकर बिना किसी शक के, ईमानदारी से सिर्फ एक अल्लाह को मानना, उसकी इबादत करना और उसके कहे के मुताबिक यानि क़ुरान और हदीस के मुताबिक जीवन बिताना।
क़ुरान क्या है और क़ुरान को किसने लिखा है?
क़ुरान के मुताबिक क़ुरान अल्लाह का कलाम यानि अल्लाह की बोली हुई बातें हैं, जिब्रील नाम का एक फरिश्ता अल्लाह के पास से क़ुरान की आयात लेकर, इस्लाम के आखिर पैगम्बर यानि संदेशवाहक के पास आते और अल्लाह के कलाम को सुना देते।
अब ये कलाम पैगम्बर मुहम्मद अपने दोस्तों जिनको सहाबा कहते हैं, को सुना देते, जिसे सहाबा याद कर लेते और किसी चीज़ पर भी लिख लेते थे। 23 साल तक क़ुरान आने का सिलसिला जारी रहा।
हदीस क्या है? | What is Hadees in Hindi?
पैगम्बर मुहम्मद अपने दिन चर्या में जो भी काम करते और किसी काम का हुक्म देते, उनको उनके दोस्त यानि सहाबा याद कर लेते। जिनको बाद में किताब की शक्ल दी गयी, इसे ही हदीस कहा जाता है।
पैगम्बर मुहम्मद के नक़्शे क़दम पर चलने को सुन्नत कहते हैं। पैगम्बर मुहम्मद के हुक्म को मानने का हुक्म क़ुरान में अल्लाह ने दिया है। क़ुरान की एक आयात में अल्लाह कहते हैं कि “मेरा हुक्म मानो और रसूल का हुक्म मानो।” रसूल पैगम्बर मुहम्मद को ही बोलते हैं।
इस्लाम धर्म कितना पुराना है?
इस्लाम धर्म कितना पुराना है, यह जानने के लिए आपको शुरू से कहानी जाननी होगी। अक्सर लोग Islam कितना पुराना है, इसका जवाब 1400 साल देते हैं, यानि जब मक्का में मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम को अल्लाह ने अपना पैगम्बर चुना, लेकिन यह बात ग़लत है।
आप सबने यहूदी और ईसाई मज़हब के बारे में सुना होगा। यहूदी और ईसाई मज़हब भी इस्लाम से ही निकले हुए हैं। इस कहानी की शुरुआत आदम अलैहिस्सलाम से होती है। जी हाँ वही आदम अलैहिस्सलाम जिनको सारी दुनिया इस पृथ्वी का पहला इंसान मानती है।
जब अल्लाह ने आदम को मिट्टी से बनाया और उनमें रूह यानि आत्मा डाल दिया, तब अल्लाह ने सबको हुक्म दिया कि वो आदम को सज़दा करें। सारे फरिश्तों ने सज़दा किया परन्तु इबलीस जिसको ईसाई लूसिफर कहते हैं, ने सज़दा करने से इंकार कर दिया। इब्लीस फरिश्ता नहीं बल्कि जिन्न था।
इब्लीस के ग्रुप यानि इल्लुमिनाति के बारे में जानने के लिए, इलुमिनाती क्या है इस पोस्ट को ज़रूर पढ़ें।
इब्लीस से जब अल्लाह ने वजह पूछी तो घमंड में बोला मैं आग से बना हूँ और यह आदम मिट्टी से, मैं सज़दा नहीं करूँगा। अब क्यूंकि उसने उसको बनाने वाले यानि अल्लाह का हुक्म मानने से सीधा इंकार कर दिया, तब अल्लाह ने कहा निकल जा यहाँ से (जन्नत से)।
हठी शैतान, अल्लाह से माफ़ी मांगने के बजाये अपनी बात पर जमा रहा और कहा कि “इस आदम के वजह से आप मुझे यहाँ से निकाल रहे हैं, मुझे एक मौका दीजिये मैं इनके आगे, पीछे, दाएं, बायें सब तरफ से बहकाऊंगा।”
अल्लाह ने कहा “मैं तुझे क़यामत तक का मौका देता हूँ, जो तेरी बात में आएगा, उसके लिए मैंने जहन्नम तैयार कर रखा है और जो मेरी बात पर जमा रहेगा, उसके लिए जन्नत का इनाम है।”
इसके बाद अल्लाह ने आदम अलैहिस्सलाम के लिए, उनकी पसली की हड्डी से, उनके लिए उनकी बीवी हव्वा को बनाया और एक हुक्म दिया कि तुम दोनों यहाँ जो खाओ पियों, सिर्फ उस पेड़ के करीब भी मत जाना।
तब इबलीस आदम और हव्वा को बहकाने लगा और कहा “क्या तुम्हें मालूम है अल्लाह ने उस पेड़ के पास जाने से क्यों मना किया है, क्यूंकि उसका फल खाकर तुम या तो फरिश्ता बन जाओगे या अमर हो जाओगे” और फिर इब्लीस ने अल्लाह की झूठी क़सम भी खायी।
जिसके बाद उन्होंने उस पेड़ के पास जाकर उसका फल खा लिया। जिसके बाद उनके प्राइवेट अंग ज़ाहिर हो गए यानि दिखने लगे और वो जन्नत के पत्तियों से अपने को ढंकने लगे और अल्लाह से तुरंत माफ़ी मांगने लगे। अल्लाह ने कहा निकल जाओ तुम सब यहाँ से और क़यामत तक तुम सब दुनियां में रहोगे और तुम आपस में अब दुश्मन हो।
इसके बाद आदम और उनकी पत्नी हव्वा दुनियां में आ गए, फिर उनकी नस्ल बढ़ी। आदम ने अपनी संतान को एक ईश्वर की पूजा करने की शिक्षा दी। लेकिन आदम के मरने के कई साल बाद शैतान के फिर से बहकाने के वजह से, कोई खुद से इंसान जैसा लकड़ी या पत्थर का ढांचा बनाकर पूजने लगा तो कोई सूरज और हवा के पावर को देखकर उसे पूजने लगा।
यह पुरानी कहानी सच है, और इसे पैगम्बर मुहम्मद नहीं बल्कि उनसे हज़ारों-हज़ारों साल पहले आये अल्लाह के पैगम्बरों के ज़रिये भी अल्लाह ने अपनी किताबों में बताया है। तभी तो ईसाई और यहूदी भी इस कहानी को मानते हैं, और पूरी दुनियां आदम और हव्वा को जानती है।
इस्लाम कितना पुराना है?
अब सवाल आता है कि इस्लाम धर्म कितना पुराना है? इसका जवाब आप खुद दे सकते हैं। इस्लाम धर्म तब से है जब से यह दुनिया है, यानी इस धरती पर जो पहला इंसान आया था, वो अल्लाह का पहला पैगम्बर था, और जैसा कि क़ुरान में अल्लाह ने कहा है कि मैंने अपने बन्दों यानी इंसानों को अकेला नहीं छोड़ा, मैंने हर क़बीले, हर मुल्क, हर जगह अपने संदेशवाहक भेजा है और साथ में अपनी किताब भी भेजी है, ताकि वो सही राह दिखाए और शैतान के बहकावे में आकर शैतान के मानने वाले न बन जाएँ।
क्यूंकि शैतान ने अल्लाह से वादा किया है कि मैं इंसानों को सही रास्ते से भटकाऊँगा और उनको जहन्नम की आग में डलवाऊंगा, पर अल्लाह की रहमत है कि उन्होंने हर दौर में इंसानों को गाइड करने वाला भेजा। लेकिन पैगम्बरों के जाने के बाद में अल्लाह की किताबों को लोगों ने अपनी लालच में बदल दिया।
फिर अल्लाह ने अपना आखिरी पैगम्बर मुहम्मद को भेजा और उनके साथ अपनी किताब क़ुरान भेजी और फिर क़ुरान में ही अल्लाह ने यह दावा किया कि इस किताब यानि क़ुरान के हिफाज़त यानि इसको न बदले जाने की ज़िम्मेदारी खुद अल्लाह ने ली है। क़यामत तक यह क़ुरान अपने असली रूप में रहेगी।
दुनियां के कई जगह पर अल्लाह ने अपने पैगम्बर भेजे। इस्लाम धर्म के हदीस के मुताबिक करीब 1 लाख 24 हज़ार अल्लाह के पैगम्बर इस दुनियां में आ चुके हैं, जिनमें कुछ के नाम क़ुरान में हैं, जैसे आदम अलैहिस्सलाम, नूह अलैहिस्सलाम जिनको ईसाई Noah कहते हैं, इसी तरह सुलेमान अलैहिस्सलाम जिनको यहूदी Solomon कहते हैं, फिर दाऊद अलैहिस्सलाम जिनको यहूदी David कहते हैं।
फिर इब्राहिम अलैहिस्सलाम, उनके दो बेटे इस्माइल अलैहिस्सलाम और इस्हाक़ अलैहिस्सलाम, इस्हाक़ के बेटे याकूब अलैहिस्सलाम जिनको यहूदी इजराइल कहते हैं, उनके बेटे युसूफ अलैहिस्सलाम, मूसा अलैहिस्सलाम, हारुन अलैहिस्सलाम, ईसा अलैहिस्सलाम, जिनको ईसाई यीशु कहते हैं, इनको यहूदियों ने पैगम्बर मानने से इंकार कर दिया।
आखिर में मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम, जिनके बारे में क़ुरान में अल्लाह कहते हैं कि ये पूरे इंसानियत के लिए नबी हैं और अब क़यामत तक कोई नबी नहीं आएगा, सिवाए ईसा अलैहिस्सलाम के, जो ज़िंदा ही अल्लाह के पास उठा लिए गए थे और क़यामत से पहले दज्जाल झूठा को ख़त्म करने वापस आएंगे।
दज्जाल कौन है?
हदीस के मुताबिक दज्जाल वह है, जो क़यामत से पहले दुनियां में आएगा और अल्लाह होने का झूठा दावा करेगा। क्यूंकि अल्लाह ने लोगों के ईमान की जांच करने के लिए दज्जाल को बहुत सारे पावर दे रखी हैं, जिसके वजह से कमज़ोर ईमान वाले लोग उसके बहकावे में आ जायेंगे। दज्जाल को ख़त्म करने ईसा आएंगे। ईसा अलैहिस्सलाम के आने के बाद वो सारे confusion दूर हो जायेंगे, जो उनके बारे में लोगों ने फैला रखी है।
क्या इस्लाम सबसे पुराना धर्म है? | इस्लाम कब से है?
जी हाँ, इस्लाम सबसे पुराना धर्म है, जब से इस दुनियां में मनुष्य आया यानि आदम आये तब से ही इस्लाम इस दुनियां में आया। क्यूंकि आदम इस्लाम के सबसे पहले संदेशवाहक थे और उन्होंने अपने बच्चों को एक ईश्वर की पूजा करने की शिक्षा दी थी, जैसा कि ईसाई और यहूदी भी मानते हैं।
परन्तु आप खुद पता कर सकते हैं कि इन मज़हब के किताबों यानि यहूदियों के तौरात और ईसाईयों के इंजील को बार-बार इंसानों द्वारा ही बदला गया है। जिसके वजह से एक ईश्वर यानि अल्लाह का सही मैसेज इनमें नहीं है। परन्तु क़ुरान अभी तक अपने असली हालत में है और क़यामत तक रहेगा।
Islam Dharm Kitna Purana Hai?
उम्मीद है इस्लाम धर्म कितना पुराना है इसका जवाब आपको मिल चूका होगा। आप खुले दिल से खुद से भी रिसर्च करें, इस्लाम को यदि सही मायने में जानना है तब मुसलमान को नहीं बल्कि आपके भाषा में उपलब्ध क़ुरान को पढ़ें। मैं आपको एक वेबसाइट का लिंक दे देता हूँ जहाँ से आप हिंदी भाषा में क़ुरान को सुन या पढ़ सकते हैं और ईश्वर ने हमसे जो बातें कही हैं, उन पर विचार कर सकते हैं।